प्रशिक्षण के लिये भेजे जाने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों को भेजते समय इन आदेशांे पर कार्यवाही सुनिश्चित की जानी चाहिए। प्रत्येक कोर्स की अवधि एवं प्रारम्भ होने की तिथि पुलिस मुख्यालय अथवा प्रशिक्षण मुख्यालय द्वारा पहले ही अवगत करा ली जायेगी। सामान्य तौर पर निम्नलिखित अनुदेशों का पालन किया जाना चाहिएः-
आगमन:-
प्रत्येक राजपत्रित प्रशिक्षणार्थी को प्रशिक्षण में आगमन की योगदान आख्या तथा आगन्तुक अराजपत्रित प्रशिक्षणार्थी को सर्वप्रथम जी0डी0 जो प्रतिसार निरीक्षक कार्यालय में रखी जाती है में अपना आगमन कराना होगा और प्रस्थानादेश, मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र, एवं अन्य प्रपत्र कार्यालय में सुपुर्द करने होंगे तथा निर्धारित किया गया मैस एडवांस जमा करना होगा। हर प्रशिक्षार्थी को प्रशिक्षण प्रारम्भ होने से एक दिन पूर्व पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय में अपना आगमन कराना होगा। अपरिहार्य परिस्थितियों में प्रशिक्षण आरम्भ होने के दो दिन के अन्दर उन्हे आगमन की अनुमति प्रधानाचार्य पी0टी0सी0 के द्वारा दी जा सकती है। विषम परिस्थिति एवं लम्बी अवधि के प्रशिक्षण हेतु विलम्ब की सीमा एक माह का एक दिवस के अनुसार गणना कर की जा सकेगी। किन्तु अल्पकालिक कोर्स के लिए कोर्स प्रारम्भ की पूर्व तिथि या प्रारम्भ तिथि के पूर्वान्ह तक आने वाले अभ्यर्थियों को ही आगमन की अनुमति दी जायेगी और उसके पश्चात आगमन करने वाले कार्मिक को वापस कर दिया जायेगा। प्रत्येक कोर्स के आगमन पर प्रधानाचार्य द्वारा उद्घाटन सम्बोधन आयोजित किया जायेगा और सभी प्रशिक्षार्थियों को पी0टी0सी0 के स्थाई आदेशों तथा नियमों की जानकारी करा दी जायेगी।
कोर्स आरम्भ होने के दो दिन के पश्चात पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय से कोर्स हेतु आगमन करने वाले कार्मिकों की सूची तैयार कर प्रशिक्षण मुख्यालय को भेज दी जायेगी।
आवास:-
प्रशिक्षण हेतु आने वाले समस्त प्रशिक्षार्थियों को उनके लिए निर्धारित छात्रावासों में ठहरने की व्यवस्था है। जिसमें प्रकाश, तख्त व पंखों की व्यवस्था प्रशिक्षण केन्द्र द्वारा उपलब्ध कराई जायेगी। वर्तमान समय में पी0टी0सी0 के छात्रावास में 10 हाल उपलब्ध है जिनकी आवासीय क्षमता लगभग 240 है। पी0टी0सी0 में राजपत्रित अधिकारी प्रशिक्षुओं की आवासीय व्यवस्था हेतु हास्टल निर्मित होने तक पी0टी0सी0 के निकट निर्मित जनपद के पूल्ड हाउस आवासों में व्यवस्था की गई है। प्रशिक्षण में परिवार अथवा व्यक्तिगत नौकर रखने पर प्रतिबन्ध है। किसी भी दशा में प्रशिक्षणार्थियों को पारिवारिक आवास नहीं दिया जायेगा।
भोजन:-
सभी प्रशिक्षार्थियों को पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय के भोजनालयों में भोजन की व्यवस्था की जायेगी। प्रत्येक प्रशिक्षु को भोजनालय में भोजन करना अनिवार्य होगा। किसी भी दशा में भोजन बाहर करने की अनुमति नहीं दी जायेगी। स्थानीय इकाइयों से आये हुये प्रशिक्षार्थियों को भी पी0टी0सी0 के भोजनालयों में भोजन करना अनिवार्य होगा। प्रशिक्षण महाविद्यालय में आगमन पर प्रत्येक प्रशिक्षार्थी को समय≤ पर निर्धारित मेस अग्रिम धनराशि जमा करनी होगी।
अवकाश:-
प्रशिक्षण की अवधि में सामान्य रूप से किसी प्रकार का अवकाश देय नहीं होगा। गम्भीर मामलों में पी0टी0सी0 में अवकाश तथा अनुमति कुल मिलाकर उतने ही दिन तक स्वीकृत की जा सकती है। जितने माह का प्रशिक्षण है। प्रशिक्षण अवधि में किसी भी राजपत्रित अवकाश की अनुमति अवकाश के साथ प्रदान नही की जायेगी। राजकीय अवकाशों में प्रशिक्षणार्थियों को आवश्यक वस्तुओं की खरीद आदि हेतु स्थानीय बाजार तक जाने की सैन्य सहायक द्वारा लिखित अनुमति स्वीकृत किये जाने के उपरान्त ही संस्थान को छोड़ा जा सकेगा।
विषम परिस्थिति में स्वीकृत किये गये अवकाश की तिथि के पूर्व दिवस की सायंकालीन परेड के पश्चात ही अवकाश पर प्रस्थान तथा अवकाश समाप्ति तिथि के आगामी तिथि की प्रातःकालीन परेड पर उपस्थित होकर अपनी आगमन की रिपोर्ट देनी होगी। निर्धारित सीमा से अधिक अवकाश/अनुपस्थित/सिक/चिकित्सा अवकाश की दशा में प्रशिक्षण अवधि बढ़ाये जाने के संबंध में प्रधानाचार्य/ पुलिस प्रशिक्षण मुख्यालय द्वारा अन्तिम निर्णय लिया जायेगा ।
प्रशिक्षण से अन्य प्रकार की अनुपस्थिति:-
प्रशिक्षण अवधि में किसी अधिकारी या कर्मचारी को जनपद/इकाई में साक्षी अथवा अन्य कार्यो के लिये नहीं बुलाया जाना चाहिए। साक्षी के सम्बन्ध में माननीय उच्च न्यायालय के प्रशासनिक न्यायाधीश के स्पष्ट आदेश है कि प्रशिक्षण के दौरान किसी पुलिस कर्मी को साक्ष्य के लिये नहीं बुलाया जाना चाहिए।
चिकित्सा प्रमाण पत्र:-
प्रशिक्षण में भेजने से पूर्व प्रत्येक जनपद के वरिष्ठ/पुलिस अधीक्षक/सेनानायक द्वारा प्रशिक्षण हेतु भेजे जा रहे कर्मचारियों के शारीरिक रूप से स्वस्थ होने विषयक चिकित्सीय परीक्षण सक्षम चिकित्साधिकारी से कराने के पश्चात प्रस्थान आदेश के साथ प्रशिक्षण केन्द्र हेतु रवाना किया जाना आवश्यक होगा। उल्लेखनीय है कि प्रशिक्षण में आने वाले प्रत्येक कार्मिक को पूर्णतः स्वस्थ होना आवश्यक है अन्यथा इस संस्था में कठिन परिश्रम करने में प्रशिक्षार्थी असमर्थ रहेंगे। प्रशिक्षणार्थी को अपना चिकित्सा प्रमाण-पत्र Rule 10 Fandamental Rules के अनुसार प्रस्तुत करना होगा।
चरित्र पंजिका:-
जनपदों/इकाईयों द्वारा प्रशिक्षण हेतु भेजे जाने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों का नामिनल रौल पूर्ण विवरण के साथ प्रशिक्षण महाविद्यालय को भेजा जाय। चरित्र पंजिका की आवश्यकता पड़ने पर प्रधानाचार्य पी0टी0सी0 द्वारा संबंधित वरिष्ठ/पुलिस अधीक्षक/इकाई के प्रभारी को अलग से चरित्र पंजिका उपलब्ध कराने हेतु अवगत कराया जायेगा ।
वसूलियाॅ:-
प्रशिक्षण में भेजने से पूर्व सभी प्रशिक्षार्थियों पर उनके नियुक्ति स्थल की सभी लम्बित वसूलियाॅ जनपद/वाहिनी में ही वसूल कर लिये जाने चाहिए और प्रशिक्षण केन्द्र में किसी भी प्रकार की वसूलियों के लिये पत्राचार नहीं किया जाना चाहिए।
प्रशिक्षण के दौरान प्रतिमाह भोजन व्यय तथा अन्य कटौतियों जैसे मनोरंजन, एमिनिटी फण्ड, मैस रिजर्व फण्ड, गेम्स फण्ड आदि की कटौतियाॅ प्रशिक्षार्थियों से नकद वसूल कर ली जायेगी।
शस्त्र एवं गोला बारूद:-
प्रशिक्षार्थी अपने साथ किसी प्रकार का गोला बारूद व शस्त्र लेकर नहीं लायेंगे।
रेल तथा बस सुविधा:-
पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय नरेन्द्र नगर पंहुचने के लिए ऋषिकेश तक रेल मार्ग व सडक मार्ग से यात्रा की जा सकती है। ऋषिकेश से नरेन्द्र नगर वाया नटराज चैराहा से नरेन्द्र नगर बस स्टेशन तक रोडवेज/ जी0एम0ओ0 बस या टैक्सी से सडक मार्ग से यात्रा की जायेगी। नरेन्द्र नगर बाजार से पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय तक प्राइवेट टैक्सी या राजकीय वाहन से आगमन किया जायेगा।
वर्दी:-
ड्रेस रेगुलेशन एवं पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय द्वारा भेजे गये वर्दी सम्बन्धी निर्देशों के अनुसार प्रशिक्षण हेतु आवश्यक समस्त निर्धारित वर्दी व साज-सज्जा जो उपयोग की दशा में हो प्रशिक्षणार्थी को अपने साथ लाना होगा ।
सिक/सिक रेस्ट तथा अस्पताल प्रवेश:-
यदि कोई प्रशिक्षु किसी सामान्य बीमारी से ग्रस्त होता है या चोट आदि लगने की दशा में उसे प्रातःकाल परेड पर सिक बुक के साथ दिवसाधिकारी के पर्यवेक्षण में परेड ग्राउण्ड पर उपस्थित होना होगा, जहाॅ से उच्चाधिकारी की अनुमति के पश्चात उसे दिवसाधिकारी द्वारा उपचार हेतु नरेन्द्र नगर चिकित्सालय ले जाया जायेगा यदि चिकित्सक द्वारा अस्पताल में दाखिल कराया जाता है तो दिवसाधिकारी अस्पताल दाखिल के सम्बन्ध में जी0डी0 आदि में अंकित कराकर उच्चाधिकारियों को इसकी सूचना देगा तथा मदद मरीज हेतु किसी अन्य कार्मिक को भी नामित करवायेगा। सामान्य बीमारी के सिक रेस्ट वाले प्रशिक्षु भी प्रातःकाल एवं सायंकाल परेड पर मार्च-अप के समय उपस्थित होंगे तथा अधिकारी की अनुमति के उपरान्त रेस्ट पर चले जायेंगे।
गम्भीर बीमारी की दशा में यदि कोई प्रशिक्षु जो परेड ग्राउण्ड में उपस्थित होने में असमर्थ हो वह पूर्व में ही एक प्रार्थना-पत्र इस सम्बन्ध में हवलदार मैजर/दिवसाधिकारी के माध्यम से प्रस्तुत करेगा जिसे दिवसाधिकारी सैन्य सहायक के समक्ष रखेंगे तथा उन्हें भी उपचार हेतु चिकित्सालय लेकर जायेंगे। गम्भीर बीमारी से ग्रसित व सिक रेस्ट वाले कार्मिक परेड ग्राउण्ड में उपस्थित नही होंगे तथापि ऐसे प्रशिक्षणार्थियों को दिवसाधिकारी द्वारा बैरिक में ही चैक किया जायेगा।
प्रशिक्षण के दौरान किसी प्रशिक्षु को अचानक कोई चोट आने अथवा बीमार होने की स्थिति में उसे दिवसाधिकारी सैन्य सहायक/एच0डी0आई0 के निर्देश पर तत्काल चिकित्सालय लेकर जायेंगे।
अनुशाासन तथा दण्डः
प्रशिक्षण के दौरान सभी प्रशिक्षार्थी प्रधानाचार्य पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्रशासनिक नियन्त्रण में समझे जायेंगे। अनुशासनहीनता के गम्भीर मामलों में प्रधानाचार्य पी0टी0सी0 किसी भी प्रशिक्षु को प्रशिक्षण से मुक्त कर वापस कर सकते है। अनुशासनिक नियन्त्रण के लिये प्रधानाचार्य पी0टी0सी0 को वही अधिकार प्राप्त होगें जो जनपद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस उपमहानिरीक्षक में निहित हैं। इसी प्रकार एच0डी0आई0, पी0टी0सी0 को जनपद के प्रतिसार निरीक्षक की भाॅति अधिकार प्राप्त होंगे।
आदेश कक्ष में दिये गये दण्ड पी0टी0सी0 में ही प्रशिक्षण से अतिरिक्त समय में पूर्ण करने होगें। आदेश कक्ष के लिये चरित्र पंजिकाये सम्बन्धित जनपदों/इकाईयों से पहले माॅग ली जायेगी।